Gorakhpur: गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर विवाद ने तूल पकड़ा है। हाल ही में एक केयरटेकर के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। शनिवार सुबह महाराजगंज जिले से अपनी दादी का इलाज कराने आए एक युवक को 15 से 20 जूनियर डॉक्टरों ने कमरे में बंद करके बुरी तरह से पीटा। आरोप है कि उसे एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।
घटना का विवरण
इस घटना की जानकारी के अनुसार, महाराजगंज जिले के भगवानपुर (भूलना) निवासी आयश्वरिया पाटी त्रिपाठी ने बताया कि उनकी दादी की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें BRD मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार शाम उनकी दादी को वार्ड नंबर 5, बेड नंबर 56 पर शिफ्ट किया गया। आयश्वरिया का कहना है कि शनिवार सुबह 8:30 बजे जब डॉ. शहनवाज उनकी दादी से मिलने आए, तो उन्होंने टेस्ट रिपोर्ट मांगी और कहा कि रिपोर्ट 9 बजे के बाद मिलेगी।
आरोप है कि डॉ. शहनवाज ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जिस पर आयश्वरिया ने विरोध किया। इसके बाद, दोनों के बीच बहस होने लगी। इस दौरान 15 से 20 जूनियर डॉक्टर वहां पहुंच गए और आयश्वरिया को एक कमरे में ले जाकर बुरी तरह से पीटा।
चिकित्सा प्रशासन की प्रतिक्रिया
जब एक वरिष्ठ डॉक्टर को इस घटना के बारे में पता चला, तो उन्होंने पीड़ित को बुलाया और आरोपी जूनियर डॉक्टर की पहचान करने की कोशिश की। लेकिन आरोपित डॉक्टर ने अपना फोन बंद कर लिया और वहां से गायब हो गया। इसके बाद पीड़ित ने गुलरिया पुलिस को शिकायत दी और एक रिश्तेदार की मदद से स्वास्थ्य मंत्री से भी संपर्क किया। इससे मेडिकल कॉलेज का माहौल गर्म हो गया और प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी।
वरिष्ठ डॉक्टर की संलिप्तता
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में एक वरिष्ठ डॉक्टर ने पीड़ित को अगली कार्रवाई से बचाने के लिए उसे सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। यह सब मेडिकल आउटपोस्ट पुलिस की मदद से हुआ। इस घटना ने BRD मेडिकल कॉलेज में छात्रों और डॉक्टरों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। कॉलेज प्रशासन और गुलरिया पुलिस दोनों इस मामले की जांच कर रहे हैं।
प्रशासन की जांच
BRD के एसआईसी डॉ. कंचन श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी है और सोमवार को इसकी जांच की जाएगी। वहीं, सिटी एसपी अभिषेक त्यागी ने बताया कि डॉक्टर और केयरटेकर के बीच झगड़ा हुआ था। दोनों पक्षों ने पुलिस के सामने समझौता कर लिया था, लेकिन केयरटेकर ने फिर से एक शिकायत पत्र दिया है। इस मामले की जांच जारी है।
स्वास्थ्य मंत्री का हस्तक्षेप
स्वास्थ्य मंत्री के हस्तक्षेप से माहौल और गरम हो गया। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस घटना की पूरी जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह घटना न केवल BRD मेडिकल कॉलेज की छवि पर सवाल उठाती है, बल्कि यह स्वास्थ्य व्यवस्था की समस्याओं को भी उजागर करती है।
डॉक्टरों की भूमिका
इस घटना ने यह भी सवाल खड़ा किया है कि क्या जूनियर डॉक्टरों की कार्यप्रणाली सही है। उन्हें पेशेवर तरीके से काम करना चाहिए, लेकिन इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि कुछ डॉक्टर अपने व्यवहार में लापरवाह हो गए हैं। मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण और कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
छात्रों और केयरटेकर की सुरक्षा
इस प्रकार की घटनाओं के बाद, छात्रों और केयरटेकर की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाती है। मरीजों और उनके रिश्तेदारों को अस्पताल में सुरक्षित महसूस करना चाहिए। इसके लिए अस्पताल प्रशासन को एक मजबूत सुरक्षा व्यवस्था लागू करनी होगी। इसके अलावा, चिकित्सा कर्मियों को पेशेवरता और मानवता का पालन करना चाहिए।